ख़ास ख़बर स्पेशल रिपोर्ट। देशभर में जहां आज भगवान राम द्वारा रावण के वध पर विजयादशमी का त्यौहार मनाया जाता है. रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है लेकिन मध्य प्रदेश में एक ऐसा गांव भी है जहां पर आज भी रावण का पूजन होता है।जी हां ये गांव है छिंदवाड़ा से 30 किलोमीटर दूर परासिया तहसील में स्तिथ रावनवाड़ा। इस गांव में रावण का मंदिर और पुराने शिलालेख मौजूद हैं। कहते है रावण की याद में ही इस गांव का नाम रावनवाडा रखा गया है।
गांव में इसके ऐतिहासिक पुख्ता प्रमाण तो नही है लेकिन जानकर कहते हैं त्रेता युग में इस इलाके में घनघोर जंगल हुआ करता था. इसी जंगल के बीचोंबीच शिव के परमभक्त रावण ने भगवान शिव की आराधना की थी। भगवान शिव यही पर रावण को दर्शन दिए थे और उनको आशीर्वाद दिया था। गांव के पास ही महादेवपुरी और शिवपुरी गांव है जिनके नाम भगवान शिव के नाम पर रखे गए थे।
पहाड़ी पर रावण देव के नाम से छोटा मंदिर है और वहीं पर पुराने शिलालेख भी हैं मौजूद हैं। हालाँकि यहां पर कोयला की अधिकता के चलते यहां पर WCL ने कोयले की खदानें शुरू की थी जो आजभी जारी है।आधुनिकता के चलते यहाँ अब जंगल भी बहुत कम बचा है। गांव के लोग बताते हैं कि आज भी आदिवासी समुदाय रावण की पूजा करने मंदिर पहुँचते हैं।